शहडोल:शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सोहागपुर चाँपा में गणतंत्र दिवस बनया गया

 शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सोहागपुर चाँपा में गणतंत्र दिवस बनया गया

विद्यालय परिसर में रंगारंग सांस्कृतिक साहित्यिक कार्यक्रम आयोजन हुआ 


शहडोल। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सोहागपुर चाँपा में 75वें गणतंत्र दिवस 2024 का आयोजन। सहदेव सिंह मेरावी, संयुक्त संचालक लोक शिक्षण शहडोल संभाग शहडोल के मुख्य आतिथ्य तथा श्रीमती उमा सिंह सरपंच ग्राम पंचायत चाँपा एवं श्री अपूर्वा सिंह वार्ड 15 ग्राम पंचायत चाँपा के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ।

समारोह में सर्वप्रथम ध्वजारोहण संस्था के प्राचार्य डॉ एम एल पाठक के द्वारा किया गया तथा विद्यार्थियों का प्रभात फेरी निकाली गई। विद्यालय में सांस्कृतिक साहित्यिक कार्यक्रम एवं पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम संपादित किया गया। विद्यालय में वर्ष भर में संपन्न होने वाली विभिन्न गतिविधियों तथा वार्षिक खेलकूद सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रथम और द्वितीय रहे छात्राओं को गोल्ड मेडल सिल्वर मेडल एवं विभिन्न प्रकार के पारितोषिक प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया । कार्यक्रम के दौरान साढे 300 से अधिक पुरस्कार बांटे गए। संयुक्त चालक लोक शिक्षण ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्यालय के छात्र एवं छात्राएं अत्यंत ही क्रिएटिव तथा जुझारू है। विद्यालय का परीक्षा परिणाम भी शतप्रतिशत रहता है। अतः छात्र अपना पूरा ध्यान पढ़ाई और परीक्षा पर दें जिससे उनके परिणाम उत्तम से उत्तम रहे। सरपंच ग्राम पंचायत उमा सिंह ने कहा कि विद्यालय में छात्राओं की साहित्यिक गतिविधियां नृत्य इत्यादि अत्यंत उत्तम रहे हैं। हम इन गणतंत्र दिवस का बधाई देते हुए तीन छात्र समूह को विभिन्न 151- 151 के पुरस्कार प्रदान किए।  पंच अपूर्वा सिंह ने दो दलों को 101, 101 रुपए के पारितोषिक प्रदान किए।  डॉ. एम. एल. पाठक ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत वर्ष में प्राचीन काल से चार तरह के आक्रमण हुए हैं। पहले आर्थिक आक्रमण जिसमें आक्रमणकारी भारत के रियासतों पर आक्रमण करते थे और लूटपाट करके वापस चले जाते थे। दूसरे बार जब आक्रमण हुए वह आर्थिक और राजनीतिक आक्रमण थे। आक्रमणकारियों ने लूट भी की तथा अपने राज्य में स्थापित किये।  तीसरी बार जब भारत में आक्रमण हुआ तो आर्थिक राजनीतिक और धार्मिक आक्रमण हुआ। आक्रमणकारियों ने लूट पाट भी की, राज्य स्थापित किया और बहुत से मंदिरों को टोड़ा तथा जबरदस्ती तलवार के दम पर धर्मांतरण किया। चौथा आक्रमण का अंग्रेजों का था जिन्होंने चारो स्तंभों पर आक्रमण किया भारत से भारत में लूटपाट भी की, राज्य भी स्थापित किया, धर्मांतरण भी किया और भारत की मूल शिक्षा व्यवस्था को भी नष्ट करके मैकाले के शिक्षा व्यवस्था लागू की। उनका उद्देश्य था, कि ऐसे भारतीयों को तैयार किया जाए जो शारीरिक रूप से तो भारतीय हों पर मन मस्तिक रूप से अंग्रेज रहे और क्लर्क से अधिक कुछ ना बन सके। ऐसे चारों स्तम्भों की गुलामी से भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ तथा 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। स्वतंत्रता के समय हमें राजनीतिक, आर्थिक और शिक्षा ग्रहण के करने की स्वतंत्रता तो मिली लेकिन धार्मिक स्वतंत्रता नहीं मिल पाई। संविधान के द्वारा गठित हमारे न्याय पालिका के द्वारा भारतीयों को धार्मिक स्वतंत्रता के क्षेत्र में बहुत सारे निर्णय दिए हैं इसे भारतीयों का मन मस्तिष्क तथा मान बढ़ा है। श्री राम लाल का अयोध्या में स्थापना इस दिशा में एक पल है। अब ऐसा लगता है कि हमें धार्मिक स्वतंत्रता भी संविधान के तहत मिलते जा रही है। अंत में सभी बच्चों को पुरस्कार वितरण के पश्चात बच्चों को खीर पुरी खिलाकर तथा प्रसाद के रूप में बूँदी इत्यादि का वितरण कर कार्यक्रम का समापन किया गया । इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक का योगदान अत्यंत ही सराहनीय रहा।  विद्यालय के शिक्षक संजय तिवारी , गंगा मिश्रा ,दीप नारायण तिवारी, भूपेंद्र सिंह ,वंदना द्विवेदी, शबाना बानो, कविता सोंधिया, राकेश कुशवाहा, सभी का सराहनीय योगदान के लिए संस्था के प्राचार्य द्वारा प्रशंसा कर पुरस्कृत किया गया।

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