शहडोल :कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने बालश्रम, बच्चों का शोषण एवं भिक्षावृत्ति को प्रतिबंधित करने जारी किया निशेधाज्ञा आदेश

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने बालश्रम, बच्चों का शोषण एवं भिक्षावृत्ति  को प्रतिबंधित करने जारी किया निशेधाज्ञा आदेश

शहडोल। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डॉ केदार सिंह ने शहडोल जिले में बालश्रम, बच्चों का शोषण एवं भिक्षावृत्ति  को प्रतिबंधित करने जारी किया निशेधाज्ञा आदेश जारी किए हैं। भारत सरकार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बाल श्रम रोकने के लिये कानून का गंभीरता से पालन सुनिश्चित करने बच्चों को शोषण को बंद करने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15. 24. 39 और 45 में बच्चों की निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, म.प्र. भिक्षावृत्ति निवारण 1974 म.प्र. नियम 1977 किशोर न्याय (बालकों को देख रेख तथा संरक्षण) अधिनियम 2015 एवं बालक एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 संशोधन अधिनियम 2010 नियम 2017 के उपबंधों के अनुसार 14 वर्ष तक के बालकों को बाल श्रम में नियोजित करना पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है एवं 18 वर्ष के कम आयु के किशोर श्रमिकों को खतरनाक व्यवसाय एवं प्रक्रिया में काम कराना पूर्णतः निषेध किया गया है। इन अधिनियमों के अंतर्गत बालक एवं किशोर मजदूरों से कार्य कराया जाना प्रावधानों के अनुसार अपराध है। 

समस्त विधिक तथ्यों पर मनन एवं वैधानिक स्थितियों पर विचार करते हुए आवश्यक परिस्थितयों निर्मित होने तथा समयाभाव के कारण सार्वजनिक रूप से सर्व साधारण को कारण बताने हेतु सूचना-पत्र दिया जाकर प्राप्त आपत्तियों को सुना जाना संभव प्रतीत नहीं होता है। ऐसी स्थिति में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत एक पक्षीय रूप से आदेश पारित किया है। 

जिला दण्डाधिकारी जिला शहडोल डॉ. केदार सिंह ने शासन के निर्देश एवं अधिनियम के परिपालन हेतु बालकों की शिक्षा सुनिश्चित करने, शोषण को रोकने, बाल श्रमिकों के नियोजन को प्रतिबंधित करने तथा भिक्षावृत्ति पर प्रभावी रोक लगाने हेतु भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 183 के तहत शहडोल जिला अंतर्गत निषेधाज्ञा पारित किए हैं 29 अप्रैल 2025 से अग्रिम आदेश पर्यन्त तक बाल श्रम, बच्चों का शोषण एवं भिक्षावृत्ति की प्रतिबंधित रहेगा। यह आदेश कर्तव्य पर उपस्थित मजिस्ट्रेट, पुलिसबल, शसस्त्रबल एवं कर्तव्य से जुड़े अधिकारियों, कर्मचारियों पर प्रभावशील नहीं होगा।

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