शहडोल:देवरी पंचायत में भ्रष्टाचार के खिलाफ ग्रामीणों की आवाज़ तेज़, 6 दिन बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई

देवरी पंचायत में भ्रष्टाचार के खिलाफ ग्रामीणों की आवाज़ तेज़, 6 दिन बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई


शहडोल, जयसिंहनगर। जनपद पंचायत जयसिंहनगर अंतर्गत ग्राम पंचायत देवरी में व्यापक भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर ग्रामीणों ने बीते सप्ताह कलेक्टर शहडोल को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन 6 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इससे नाराज़ ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शासन-प्रशासन ग्रामीणों की मांगों को कितना गंभीरता से लेता है या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह दबा दिया जाएगा।


ग्रामीणों का सचिव से उठ चुका है भरोसा

सैकड़ों की संख्या में एकत्र होकर ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत देवरी के सचिव रमाकांत द्विवेदी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सचिव बीते 10 वर्षों से पंचायत में पदस्थ हैं और निरंतर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। गरीबों से योजनाओं के लाभ के एवज में मोटी रकम वसूली जाती है — चाहे वह गरीबी रेखा का कार्ड बनवाना हो, वृद्धा पेंशन शुरू कराना हो या फिर अन्य जनकल्याणकारी योजनाएं। कई मामलों में तो रुपये लेने के बाद भी काम नहीं कराया गया, और जब ग्रामीण पैसा वापस मांगते हैं तो सचिव उन्हें पुलिस में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी देते हैं।

"हमारी पहुंच ऊपर तक है" — सचिव की दबंगई का आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव खुलेआम कहते हैं कि उनकी पहुंच जनपद सीईओ से लेकर अन्य वरिष्ठ अधिकारियों तक है। उनका दावा है कि वे हर महीने अधिकारियों को "हिस्सा" देते हैं, इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। यही कारण है कि देवरी पंचायत की जनता थक-हारकर 70 किलोमीटर दूर शहडोल कलेक्टर कार्यालय पहुंची और जनसुनवाई में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई।

गंभीर अनियमितताओं के आरोप

ग्रामीणों द्वारा दिए गए आवेदन में निम्नलिखित प्रमुख बिंदु सामने आए हैं:

  1. निर्माण कार्यों में व्यापक भ्रष्टाचार: पिछले 11 वर्षों में पंचायत में हुए निर्माण कार्यों में भारी अनियमितताएं पाई गईं। योजनाओं में पात्र हितग्राहियों से निर्धारित राशि न देने पर उन्हें वंचित कर दिया गया।

  2. खाद्यान्न पर्चियों से नाम गायब: हाल ही में लगभग 150–200 लोगों के राशन कार्ड से नाम हटा दिए गए हैं। नाम जोड़ने के लिए सचिव द्वारा 3000 रुपये की मांग की जा रही है, जिससे दो महीने से कई ग्रामीणों को खाद्यान्न नहीं मिल पा रहा है।

  3. पारिवारिक लाभ: सचिव रमाकांत द्विवेदी ने कथित रूप से अपने सगे संबंधियों को लाभ पहुंचाया है। उनके फूफा ग्राम के राशन विक्रेता हैं और पुत्र मुकेश शुक्ला उपसरपंच हैं। आरोप है कि उन्हें "पशु रोड" जैसी योजनाओं का लाभ नियमों के विरुद्ध तरीके से दिया गया।

  4. आपराधिक पृष्ठभूमि: ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सचिव पर पूर्व में गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं और वे फिलहाल न्यायालय से जमानत पर हैं।

शासन-प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

ग्रामीणों का कहना है कि ज्ञापन देने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे उनके मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या शासन-प्रशासन भी इस भ्रष्टाचार में कहीं न कहीं संलिप्त है? लोगों का यह भी कहना है कि जांच के नाम पर अधिकारी आते हैं, लेकिन जांच अधिकारी भी पैसे खाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं।

न्याय की गुहार

देवरी पंचायत की जनता अब शासन-प्रशासन से निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।


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