शहडोल:गर्भवती माताओ का कराएं शत-प्रतिशत पंजीयन- कलेक्टर

 चिकित्सक, मरीजो को दिलाए ई-टेली मेडिसिन सुविधा का लाभ

जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक सम्पन

शहडोल।  कलेटर डॉ. केदार सिंह की उपस्थिति में कलेक्टर कार्यालय के विराट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।  बैठक में  स्वास्थ्य विभाग की संचालित संस्थाओ, चिकित्सको एवं स्टाफ नर्स, कम्पांउडर, सीएमचओ तथा पैरा मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता, गर्भवती माताओ की पंजीयन तथा उनके  फालोअप, उच्च जोखिम वाली माताओ के चिन्हाकंन एवं उनके उपचार की व्यवस्था, संस्थागत प्रसव तथा टीकाकरण, एनसीडी कार्यक्रम, अंधत्व निवारण कार्यक्रम, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम, पोषण पुर्नवास केंद्र में भर्ती किये गए बच्चों की जानकारी, सिकल सेल उन्मूलन, मातृ मृत्यु दर, आयुष्मान कार्ड़, पीएम जनमन, मोबाइल यूनिट तथा ई-टेली मेडिसिन के प्रगति की समीक्षा की गई। 

 बैठक में सीईओ जिला पंचायत  शिवम प्रजापति, डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. बी.रामटेक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश मिश्रा, अधीक्षक मेडिकल कॉलेज डॉ. नागेंद्र सिंह, सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय डॉ. शिल्पी सराफ सहित डीएचओ, ब्लाक मेडिकल आफिसर एवं स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला उपस्थित रहे। 

  कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो को निर्देश दिए कि  गर्भवती माताओ का शत-प्रतिशत पंजीयन किया जाए तथा संस्थागत प्रसव सुनिश्चित किया जाए, संबंधित क्षेत्र की आशाकार्यकर्ता एवं ऑगनवाड़ी कार्यकर्ता नियमित रूप से गर्भवती माताओ के संपर्क में रहे, एनीमिया से पीड़ित गर्भवती माताओ का प्रथम स्तर पर ही मॉनीटरिंग कर उपचार किया जाए। गंभीर एनीमिया से पीड़ित गर्भवती माताओ को  प्रसव की तिथि से एक माह पूर्व ही मॉनिटरिंग करते हुए आवश्यकतानुसार  स्वास्थ्य केंद्रो में भर्ती कराया जाए। 

 इसी तरह पंजीकृत गर्भवती माताएं जो हाई रिस्क श्रेणी में है  का चिन्हाकंन कर पूर्व से ही  विशेषज्ञ चिकित्सा का लाभ दिया जाए। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि  नवजात शिशुओ  तथा 0 से 5 वर्ष तक बच्चो को शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। 

 अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत ठंड के दिनो में रोगियो की पहचान कर शिविर लगाकर  ऑपरेशन एवं अन्य उपचार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत रक्त पट्टिका बनाकर पॉजिटिव मरीजो की पहचान की जाए तथा उन्हें उपचार उपलब्ध कराया जाए। राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत टीबी मरीजो  की पहचान कर संबंधित आशा कार्यकर्ता के माध्यम से नियमित रूप से मरीज को दवाई खिलाने उन्हें पोषण आहार लेने के लिए प्रेरित किया जाए इसके लिए निक्षय मित्रो की संख्या  बढाई जा सकती है। 

 कलेक्टर ने गंभीर कुपोषित तथा कुपोषित बच्चो के उपचार की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि महिला एवं बाल विकास विभाग  का मैदानी अमला चिन्हित बच्चो को निकटतम  पोषण पुर्नवास केंद्रो में भर्ती कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ऑगनवाड़ी कार्यकर्ताओ का दायित्व होगा कि पोषण पुर्नवास केंद्रो से उपचार पश्चात सामान्य स्थित में आने वाले बच्चे  पुनः कुपोषित या अति कुपोषित श्रेणी में नही जाए इसके लिए वे नियमित रूप से बच्चो की मॉनीटरिंग करें तथा अभिभावको को पौष्टिक आहार, दवाईयां एवं उनकी देखरेख करने के लिए प्रेरित करें। कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चो को क्रमबद्ध तरीके से पोषण पुर्नवास केंद्रो में भर्ती कराया जाए, इस दायित्व के निर्वहन में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित ऑगनवाड़ी कार्यकर्ता के विरूद्व वेतन में कटौती या पद से पृथक करने की कार्यवाही की जा सकती है।

        कलेक्टर ने  सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम  की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि  स्कूलो एवं छात्रावासो में नियमित  कैंप लगाकर बच्चो का चिन्हाकंन किया जाए तथा पॉजिटिव एवं सिकल सेल कैरियर पाए जाने वाले बच्चो की नियमित मॉनीटरिंग की जाए।  आुष्मान कार्ड़  की  समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने  कहा कि ग्रामवार  ऐसे पात्र हितग्राहियो की सूची तैयार कर  अभियान चलाकर  आयुष्मान कार्ड़ बनाने का कार्य किया जाए। पीएम जनमन योजना के तहत  जिले में संचालित 05 मोबाइल यूनिटो को भ्रमण के दौरान  गर्भवती माताओ, सिकल सेल एनीमिया, छय रोगियो तथा  कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चो  की सूची देकर  भ्रमण के दौरान  उनका अनुशरण कराया जाए । साथ ही  जिन ग्रामों में यूनिट द्वारा भ्रमण किया जा रहा है वहॉ संचालित स्कूल एवं छात्रावासो  के विद्यार्थियो  का स्वास्थ्य चेकअप भी करने का दायित्व  सौंपा जाए।   

 कलेक्टर ने  कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो के चिकित्सको को आवश्यकतानुसार मेडिकल कॉलेज के चिकित्सको से  टेली मेडिसिन सुविधा का लाभ लेते हुए मरीजो का उपचार किया जाए। इसी तरह सीएचओ, जिला अस्पताल के चिकित्सको से  संपर्क कर टेली मेडिसिन सुविधा का लाभ मरीजो को उपलब्ध कराएं।  जिन डॉक्टरो द्वारा टेली मेडिसिन का उपयोग नही किया जा रहा है उनकी ओपीडी चेक करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए।  

   बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा शासन द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमो की जानकारी दी गई।

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