नवसाक्षरों की मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता परीक्षा की जाएंगी आयोजित
जिले में बनाए गए 1210 परीक्षा केन्द्र
शहडोल। जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी श्रीमती सावित्री सोनी ने जानकारी दी है कि उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत शहडोल जिले के 1210 परीक्षा केन्द्रो में नवसाक्षरों की मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता परीक्षा सम्पन्न कराई जायगी । जिले के पांच विकासखण्डों के शासकीय प्राथ० / माध्य० शालाओं में बनाये गये परीक्षा केन्द्र में 29500 नवसाक्षर परीक्षा शामिल होंगे।
उन्होनें बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के तहत राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग शिक्षा मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2022-27 तक की अवधि के लिए 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के असाक्षरों को साक्षर करने हेतु उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार शहडोल जिले में पूर्व एवं वर्तमान में संचालित साक्षरता योजनाओं में उत्तीर्ण नवसाक्षरों को घटाकर शेष 137360 असाक्षरों का सर्वे किया जाकर वर्ष 2027 तक पूर्ण साक्षर किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में पंजीयन की प्रक्रिया सतत चल रही है। वर्तमान में उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत 22 सितम्बर 2024 को होने वाली आगामी मूल्याकंन परीक्षा में 29500 नवसाक्षरों को शामिल कराने का लक्ष्य रखा गया है। उक्त परीक्षा की मानीटरिंग हेतु पांचों विकासखण्डों में जिला अधिकरियों की डियूटी लगाई गई है। साथ ही डाईट के ब्लाक प्रभारियों, बीआरसीसी, बीएसी, जनशिक्षको एवं सह समन्वयकों की डियूटी मानीटरिंग हेतु लगाई गई है। परीक्षा में ऐसे नवाक्षर शामिल होगे जो 15 वर्ष से अधिक के हो। जिनके पास साक्षर का कोई वैध प्रमाण पत्र न हो। इन्हे सामाजिक चेता केन्द्रों में अक्षर साथियों के माध्यम से पढ़ाया गया हो। साथ ही ऐसे नवसाक्षर जो पूर्व की साक्षरता परीक्षा में सी ग्रेड में हो उन्हे भी परीक्षा में शामिल कराया गया है। यह परीक्षा वर्ष में दो बार (मार्च/सितम्बर)) आयोजित होती है। विकासखण्ड सोहागपुर द्वारा जिला जेल में 42 बंदियों को अक्षर साथी कल्पना मिश्रा द्वारा पढ़ाकर परीक्षा में शामिल कराया जायेगा।
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