जाने माने अभिनेता मनोज कुमार का निधन , 87 की उम्र में अलविदा कह गए 'भारत से
हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर और डायरेक्टर मनोज कुमार का 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उन्हें 'भारत कुमार' के नाम से जाना जाता था. उनका असली नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी था।
अभिनेता मनोज कुमार का 87 वर्ष की उम्र में निधन
कुमार को 'भारत कुमार' के नाम से जाना जाता था
मनोज कुमार को 1992 में पद्म श्री और 2015 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिला
हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर और फिल्म डायरेक्टर मनोज कुमार अब नहीं रहे. शुक्रवार सुबह उनका निधन हो गया. वे 87 साल के थे. उनका असली नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी है और उन्होंने बॉलीवुड में ‘भारत कुमार’ के नाम से पहचान बनाई. कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में उन्होंने आज सुबह अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर ने इंडस्ट्री में शोक है. कहा जा रहा है कि बढ़ती उम्र में होने वाली तकलीफों से वो जूझ रहे थे और कुछ समय से बीमार थे.
पूरी इंडस्ट्री उन्हें याद करेगी
मनोज कुमार के निधन पर फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने कहा, ‘…महान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित, हमारे प्रेरणास्रोत और भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के ‘शेर’ मनोज कुमार जी अब हमारे बीच नहीं रहे. यह फिल्म उद्योग के लिए बहुत बड़ी क्षति है और पूरी इंडस्ट्री उन्हें याद करेगी.’
60-70 के दौर में थे हर डायरेक्टर के फेवरेट
मनोज कुमार ने लगभग 55 से 60 फिल्मों में एक्टिंग की. उनका एक्टिंग करियर 1957 की फिल्म ‘फैशन’ से शुरू हुआ था. उनका सबसे ज्यादा चर्चित दौर 1960s और 1970s में रहा. उन्होंने करीब 8 फिल्मों का निर्देशन किया. इनमें से ज़्यादातर फिल्में उन्होंने खुद लिखीं और अभिनय भी किया.
मनोज कुमार की प्रमुख फिल्में
मनोज कुमार ने 1960-70 के दशक में कई हिट फिल्में दीं. देशभक्ति फिल्मों के साथ उन्होंने खुद को लोगों के जोड़ा. 1965 में फिल्म ‘शहीद’, 1967 में फिल्म ‘उपकार’, 1970 ‘पूरब और पश्चिम’, 1974 में आई फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’, 1981 में फिल्म’क्रांति’में वो नजर आए.
राष्ट्रीय पुरस्कारों से हुए सम्मानित
भारतीय सिनेमा और कला में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा 1992 में पद्म श्री और 2015 में सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.
हरिकिशन गिरि गोस्वामी से कैसे बने मनोज कुमार
हरिकिशन गिरि गोस्वामी यानी मनोज कुमार का जन्म ऐबटाबाद में 24 जुलाई 1937 को हुआ था, जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान का हिस्सा बना. उनके माता-पिता ने उन दिनों भारत को चुना और दिल्ली आ गए. मनोज कुमार ने बंटवारे के दर्द को अपनी आंखों से देखा है. बचपन से ही उन्हें एक्टिंग का काफी शौक रहा. वह अशोक कुमार, दिलीप कुमार और कामिनी कौशल के बहुत बड़े फैन थे. उनकी हर फिल्म देखना वह काफी पसंद करते थे और उनकी फिल्मों से प्रभावित होकर ही उन्होंने अपना नाम हरिकिशन से बदलकर मनोज कुमार कर लिया था।
मिडिया रिपोर्ट ए के सिंह
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