कुरूद (धमतरी):दृष्टिबाधित शिक्षक राजेंद्र बेहरा को मिला ‘कर्मवीर सम्मान’

दृष्टिबाधित शिक्षक राजेंद्र बेहरा को मिला ‘कर्मवीर सम्मान’

तुला राम सहीस स्वतंत्र पत्रकार छत्तीसगढ़

कुरूद (धमतरी)। प्रकृति शिक्षण विज्ञान यात्रा, छत्तीसगढ़ द्वारा राज्य अलंकरण समारोह 2025 का भव्य आयोजन प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन, अकादमिक भवन, राखी मोड़ (चरमुड़िया), कुरूद, जिला धमतरी में 8 सितम्बर को किया गया। यह आयोजन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक चला।

इस समारोह में शिक्षा, विज्ञान, समाज सेवा और नवाचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 100 से अधिक शिक्षकों, समाजसेवकों एवं 10 बाल वैज्ञानिक छात्रों को सम्मानित किया गया।

दृष्टिबाधित होकर भी बना रहे प्रेरणा का स्रोत

इस अवसर पर हाई स्कूल परसदा खुर्द, जिला सक्ती में व्याख्याता पद पर पदस्थ राजेंद्र बेहरा को कर्मवीर सम्मान से अलंकृत किया गया।

जन्म से दृष्टिबाधित होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और शिक्षा के क्षेत्र में अद्भुत योगदान दिया। आज वे सामान्य बच्चों को पढ़ा रहे हैं और अपनी मेहनत व संकल्प से यह सिद्ध कर रहे हैं कि यदि इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी कमी व्यक्ति को रोक नहीं सकती।

उनका संघर्ष, सकारात्मक सोच और समर्पण न सिर्फ विद्यार्थियों बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणास्रोत है।

सक्ति जिले से पाँच शिक्षक भी हुए सम्मानित

इस समारोह में जिला सक्ती से भी पाँच शिक्षकों को राज्य स्तरीय सम्मान प्राप्त हुआ। इनमें शामिल हैं –

सुरेश श्रीवास, व्याख्याता, हाई सेकेंडरी स्कूल किरारी

जयंती ख़मारी, शिक्षक, मसानिया

 किरण कटाक्वार, शिक्षक

रामकुमार बरेट, शिक्षक

रहमतुल्ला खान, शिक्षक

इन सभी शिक्षकों ने अपने-अपने क्षेत्र में शिक्षा और समाज सेवा के माध्यम से उत्कृष्ट योगदान दिया है।

विशेष अतिथियों ने दिया संदेश

कार्यक्रम के विशेष अतिथि पद्मश्री अजय मंडावी ने कहा – “मैं मूर्तियों को नहीं गढ़ता, इंसानों को गढ़ता हूँ। शिक्षक वही है जो समाज के लिए इंसान गढ़ता है।”

मुख्य अतिथि डॉ. हित नारायण टंडन (विभागाध्यक्ष, प्राणी विज्ञान, गुरु घासीदास महाविद्यालय, कुरूद) ने कहा कि इस प्रकार का सम्मान शिक्षकों को जीवनभर प्रेरित करता है।

इसरो साइंस एक्टिविस्ट नीरज वर्मा ने बस्तर क्षेत्र के छात्रों को श्रीहरिकोटा भ्रमण कराने की योजना की जानकारी दी।

सम्मान समारोह बना प्रेरणा का मंच

इस अवसर पर शिक्षकों को दूध मिश्रित जल से चरण प्रक्षालन कर तिलक-चंदन एवं महाआरती के साथ मोमेंटो, मेडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।

समारोह में महर्षि वशिष्ठ सम्मान, सरस्वती पुत्र सम्मान एवं उत्कृष्ट विद्यालय सम्मान भी दिए गए।

यह सम्मान समारोह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित करने और अन्य लोगों को प्रेरित करने का महत्वपूर्ण अवसर बन गया।

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