शिक्षक जुनून एवं समर्पण भाव से शिक्षा प्रदान करें-श्री बीएस जामोद
कमिश्नर ने उन्मेष कार्यक्रम को किया संबोधित
शहडोल। कमिश्नर शहडोल संभाग बीएस जामोद ने कहा है कि शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता है। शिक्षक बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान कर उन्हें एक अच्छा इंसान बनाता है जो राष्ट्र निर्माण का मुख्य आधार होता है। शिक्षक बच्चों को शिक्षा प्रदान कर उनके जीवन में उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है और छात्रों के जीवन में विकास के अनेक पथ खोलता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने का मतलब अच्छी नौकरी एवं अच्छा व्यवसाय करना ही नहीं है बल्कि शिक्षा के माध्यम से हमें विकास के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ाना है, इसमें शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान होता है। उन्होंने कहा कि हम जिस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, उस क्षेत्र का मान और सम्मान बढाए, शिक्षक जैसा चाहे वैसा समाज का निर्माण कर सकता है, शिक्षक ही बेहतर समाज गढ़ता है। उन्होंने कहा कि शहडोल संभाग में शिक्षा के क्षेत्र में एक बेहतर वातावरण का निर्माण हो इसे लिए सभी शिक्षक मिलकर समन्वित प्रयास करें। सभी शिक्षक समन्वय स्थापित करते हुए विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें। कमिश्नर शहडोल संभाग श्री बीएस जामोद शनिवार को कन्या शिक्षा परिसर पाली एवं एकलव्य आवासीय विद्यालय पाली में संभाग स्तरीय मोटिवेशनल शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्मेष को संबोधित कर रहे थे।
कमिश्नर शहडोल संभाग बीएस जामोद ने कहा कि हर एक शिक्षक अपने-अपने विषय में पारंगत होते हैं, उन्मेष प्रशिक्षण का मतलब शिक्षक को कुछ सिखाना नहीं है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य यह है कि शिक्षक अपने कार्य क्षेत्र में कैसे वातावरण का सुधार करें कैसे छात्र एवं पालकों से जीवंत संपर्क बनाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने कार्य क्षेत्र में बालक एवं पालक से ऐसा संबंध बनाए जिसमें पालक स्वयं बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाकर प्रतिदिन स्कूल भेजने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि स्कूलों में अच्छे शिक्षक एवं अच्छी सुविधा उपलब्ध हैं इसके बावजूद भी बच्चे स्कूल नहीं आते हैं उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने स्कूल में ऐसा आनंददायक माहौल बनाएं, अपनी शाला को आनंदशाला बनाएं जिससे छात्र स्वयं शाला की ओर आकर्षित होकर शिक्षा प्राप्त करने आए। कमिश्नर ने कहा कि दो दिवसीय प्रशिक्षण में प्रशिक्षण प्राप्त कर शिक्षक अपने क्षेत्र में जाएं और क्षेत्र में बदलाव करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि शिक्षक पूरे जुनून एवं समर्पण भाव से शिक्षा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि अगर हमारे गुरुजन संपूर्ण भाव से स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने का कार्य करेंगे तो शिक्षक को समाज एवं समुदाय में सम्मान मिलेगा, शिक्षक की एक आदर्श के रूप में पहचान होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षक दो दिवसीय प्रशिक्षण से ऊर्जावान होकर अपने कार्य क्षेत्र में जाएं एवं अपनी ऊर्जा से उसे क्षेत्र को रोशन करें एवं वहां के वातावरण में बदलाव लाने का संपूर्ण प्रयास करेंगे उन्होंने कहा कि अगर शिक्षक सच्चे मन से शिक्षा देने का कार्य करेंगे तो छात्र पालक एवं समुदाय स्वयं विद्यालय की ओर आकर्षित होंगे एवं छात्र शिक्षा प्राप्त कर शिक्षक को सच्चे मन से धन्यवाद देंगे।
इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उमरिया श्री अभय सिंह ओहरिया, उपायुक्त जनजाति कार्य विभाग श्रीमती ऊषा सिंह सहित काफी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।
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