छत्तीसगढ़: स्वास्थ्य कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएँ ठप, मरीजों की मुश्किलें बढ़ीं
कल सौंपेंगे ज्ञापन भाजपा जिलाअध्यक्ष तथा विधायक रायगढ़ को
रायगढ़। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत कार्यरत लगभग 16,000 कर्मचारी, जिनमें रायगढ़ जिले के करीब 550 स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं, अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल के कारण प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। अस्पतालों में ओपीडी, इमरजेंसी सेवाएँ, संस्थागत प्रसव, नवजात शिशु वार्ड, पोषण आहार केंद्र, रूटीन टीकाकरण, टीबी, मलेरिया, कुष्ठ रोग जैसी बीमारी के मरीजों को दवाइयाँ, शुगर, ब्लड टेस्ट, ट्रूनाट, सीबीनाट, बलगम टेस्ट, नेत्र जाँच, स्कूल और आंगनबाड़ी स्वास्थ्य परीक्षण, और स्वास्थ्य विभाग की सभी ऑनलाइन एंट्री कार्यवाही पूरी तरह ठप हो गई है। कई ग्रामीण और शहरी उप स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में तालाबंदी की स्थिति है।
प्रमुख मांगें:
एनएचएम कर्मचारी संघ की 10 सूत्रीय मांगों में शामिल हैं:
1. नियमितीकरण/सिविलियन
2. ग्रेड पे लागू करना
3. पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
4. 27% लंबित वेतनवृद्धि का आदेश
5. मेडिकल अवकाश और अन्य स्वीकृत लाभों का कार्यान्वयन
6. अन्य संबंधित मांगें
नेताओं का बयान:
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी, डॉ. रवि शंकर दीक्षित, और जिलाध्यक्ष पूरन दास ने धरना स्थल पर कहा, "कई बार मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात के बावजूद हमारी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। स्वीकृत आदेशों को लागू नहीं किया गया, जिसके कारण कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर हैं। जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, हड़ताल जारी रहेगी।"
हड़ताल का प्रभाव:
हड़ताल के कारण मरीजों को दवाइयाँ नहीं मिल रही हैं, संस्थागत प्रसव प्रभावित हुए हैं, नवजात शिशु वार्ड और पोषण आहार केंद्र बंद हैं, विभिन्न जांच सेवाएँ ठप हैं, और रूटीन टीकाकरण पूरी तरह प्रभावित है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कई स्वास्थ्य केंद्रों में तालाबंदी हो चुकी है।
संघ की चेतावनी:
जिला अध्यक्ष शकुंतला एक्का ने कहा, "यदि सरकार ने जल्द ही ठोस निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।"
विशिष्ट शिकायतें:
1. चिकित्सा अवकाश नीति: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की कार्यकारी समिति ने दुर्घटना और बीमारी में एक माह का संवैधानिक चिकित्सा अवकाश देने का निर्णय लिया था, लेकिन मिशन संचालक द्वारा जारी आदेश में इसे गंभीर बीमारी तक सीमित कर दिया गया, जिसकी स्वीकृति राज्य स्तर से होगी। कर्मचारी संघ इसे अव्यवहारिक मानता है और मांग करता है कि चिकित्सा अवकाश जिला स्तर पर स्वीकृत हो।
2. वार्षिक सेवा वृद्धि और टर्मिनेशन: कर्मचारी संघ का कहना है कि वार्षिक सेवा वृद्धि में टर्मिनेशन की नीति पारदर्शी नहीं है। गंभीर शिकायतों की पहले जाँच होनी चाहिए, और उसके बाद ही कार्रवाई हो।
3. स्थानांतरण नीति: स्थानांतरण नीति को केंद्रीकृत करने की बजाय रिक्त पदों और आपसी सहमति पर आधारित स्पष्ट आदेश जारी करने की मांग की गई है।
आंदोलन में शामिल प्रमुख व्यक्ति
(आज के आंदोलन में प्रमुख रूप से जिले के समस्त NHM साथियों के साथ प्रदेश सदस्य डॉक्टर योगेश पटेल, आनंद मिरि, राघवेंद्र बोहिदार, विद्याभूषण जायसवाल, अजय महीलांगे, जन्मजय सिदार, डॉक्टर कामिनी गुप्ता, डॉक्टर दीप्ति गुप्ता, जिलाध्यक्ष सी एच ओ संघ संदीप मिंज, प्रियंका तिर्की भी उपस्थित रहे )
संघ का आह्वान:
एनएचएम कर्मचारी संघ ने सरकार से तत्काल वार्ता और मांगों को पूरा करने की अपील की है, अन्यथा आंदोलन और तेज होगा।
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